शोपीस है भाजपा का संकल्प पत्र, मसूरी के लिए नहीं है कोई नई योजना
मसूरी । मसूरी नगर पालिका चुनाव 2025 के लिए भाजपा द्वारा रविवार को जारी संकल्प पत्र मात्र एक शोपीस नज़र आ रहा है । इसमें एक भी ऐसा कोई नया कार्य नहीं जोड़ा गया है जिसका उल्लेख किया जा सके और जो मसूरी के विकास के लिए कुछ नया हो । मसूरी के बेरोजगार युवाओं के रोजगार की कोई बात ही नहीं है । ट्रिपल इंजन की सरकार बनने पर नया पर्यटन विकास एवं पर्यटकों की सुविधा की भी कोई बात ही नहीं है । जाम के कारणों की भी बात नहीं है । सबसे बड़ी बात मसूरी विधायक गणेश जोशी की बहुप्रचारित आवास की सबसे बड़ी समस्या वन टाईम सेटल मेंट योजना, टनल तथा मजदूर आवास की भी कोई बात ही नहीं की गई है । बल्कि ‘झड़ीपानी मार्ग निर्माण किया’ जैसी कुछ मिथ्या बातों को लिखा गया है ।
जैसे कि मसूरी वासी सबसे ज्यादा भयभीत आवास की समस्या से हैं कब उनके घर पर ध्वस्तीकरण का बोल्डोजर चल जाय पता नहीं, क्योंकि कर कोई तो उंची पंहुच नहीं रखता है ना ही उसके पास फालतू पैंसे हैं। मसूरी की दूसरी सबसे बड़ी समस्या नोटीफाइड एण्ड डिनोटीफाइड डिमार्केशन (वन विभाग के शोषण से मुक्ति) की है मगर उससे मसूरी वासियों को कैसे राहत मिलेगी इसका भी कोई जिक्र नहीं है।
हास्यप्रद यह है कि घोषणा पत्र में मसूरी टाउनहाॅल को विधायक गणेश जोशी की उपलब्धि गिनाया गया है जबकि पूरी मसूरी जानती है कि यह मल्टीपर्पज टाउनहाल योजना कांग्रेस के समय की है । हाॅ उद्घाटन जरूर भाजपा सरकार में तीन वर्ष पूर्व विधायक एवं मुख्यमंत्री द्वारा किया गया । परन्तु ताज्जुब की बात यह कि घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) में यह बिल्कुल भी जिक्र नहीं किया गया है कि 3 वर्ष पूर्व जिस टाउनहाल का उद्घाटन हो चुका है वह मल्टीपर्पज टाउनहाल नेताजी के अलावा आम जनता को कब मिलेगा । कब गरीब लोग उस हाॅल में अपनी बिटिया की शादी कर पाएंगे? यह जनहित का बिन्दु गायब है ।
अतिक्रमण, गाड़ियों के बोझ और शोर शराबे से आखिरी सांसे गिन रहा मसूरी का हार्ट माॅल रोड़ को ट्रिपल इंजन की सरकार में कैसे बचाया जायेगा, कैसे नया जीवन दिया जाएगा, कैसे माॅल रोड़ की गरिमा वापस लायी जाएगी इसका कोई जिक्र नहीं है । वेंडर जोन कहां बनेगे कोई जिक्र नहीं है । पिछले बोर्ड द्वारा लंढ़ौर आईडीएच में खड़े कर दिए गए कूड़े के ढ़ेर और उसके दुष्परिणाम से तमाम नागरिकों को कैसे मुक्ति दिलाएंगे इसका कोई जिक्र नहीं है । नशे की प्रवृति के कारण बर्बाद होते युवाओं और मसूरी को कैसे बचाया जाएगा इसका कोई जिक्र नहीं है । इनके अलावा अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिन पर यह लेखक प्रकाश डाल सकता है और जिनके समाधान की बात मसूरी की जनता इसमें खोजती। संकल्प पत्र में वही पुरानी रटी रटायी बातों को ही दोहराया गया है ।
कुल मिलाकर भाजपा का संकल्प पत्र मात्र चुनावी औपचारिकताभर लगता है । और पता नहीं संकल्प पत्र जारी करने में इतनी जल्दबाजी क्यों थी। शहर के कुछ वरिष्ठ नागरिकों से चर्चा कर संकल्प पत्र बनता तो वह मसूरी के दिल को जरूर छुता । मगर इस लेखक की नज़र में भाजपा का यह घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) मसूरी की मूल आवश्यकताओं और मूल समस्याओं को बिल्कुल भी नहीं छूता ।