मसूरी नगर पालिका चुनाव, अध्यक्ष पद पर किसके बीच घमासान?
मसूरी । (प्रिय पाठकों मैं जानता हूॅ कि मसूरी एवं सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में एक पत्रकार के रूप में मेरे खोजी, तथ्यपरक और तेजधार समाचार पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में सुधि पाठकों को प्रतिक्षा रहती है । जब में सम्पादक की टेबल पर होता हूॅ तो मैं एक निष्पक्ष और निडर पत्रकार का पूर्ण धर्म निभाता हूॅ । मेरे लिए बतौर एक पत्रकार अपना पराया कुछ नहीं होता है । मेरे खोजी समाचार पूर्ण सत्य एवं पूर्ण तथ्य वाले होते हैं । तभी पिछले 30 साल से मेरी पत्रकारिता की जड़ें हरी हैं । जिसके लिए मैं आप सभी का आभारी भी हूॅ । आज आप सभी को एक खुशखबरी भी देनी है कि मेरे द्वारा अब विराट हिमालय के विभीन्न स्वरूपों को सार्थकता के साथ प्रदर्शित करने वाले ‘लोकरत्न हिमालया’ के नाम से एक नया न्यूज चैनल, समाचार पत्र और पोर्टल शूरू कर दिया गया है । जिस पर आपको अपने आसपास और सम्पूर्ण उत्तराखण्ड, हिमालय क्षेत्र के समाचार पढ़ने व देखने को मिलेंगे तथा अपने नाम के अनुरूप हिमालय क्षेत्र की अनेक लोकरत्न प्रतिभाओं व परम्पराओं से भी रूबरू होने का अवसर मिलेगा । लोकरत्न हिमालया शीघ्र ही रोज शाम को लाइव डिबेट भी शूरू करेगा । जुडें रहें । आपका प्यार और आर्शीवाद निरन्तर मिलता रहे । धन्यवाद ।) लोकरत्न हिमालय –
अब बात करते हैं आज के शीर्षक आधारित समाचार की । तो सम्मानित पाठक गण, यह तो तय है कि अब आपको 26 जनवरी 2025 को नया पालिका बोर्ड और नया नगर पालिका अध्यक्ष मिलने वाला है । सरकार चाहकर भी अब निकाय चुनाव आगे नहीं खिसका सकती है । मगर पहेली यह है कि अब मसूरी नगर पालिका का नया अध्यक्ष कौन ? यह बात साफ है कि संभावित प्रत्याशी पिछले डेढ़ साल से दंगल में कूदने को तैयार बैठे हुए हैं । और वोटरों को बांधे रखने के लिए हर प्रकार के क्रिया कलाप में शामिल हैं, बल्कि कहूं तो थक भी गए हैं। और अब बस इस फिराक में हैं कि कब चुनाव की अधिसूचना जारी हो । कुलमिलाकर देखने को यह मिल रहा है कि इस बार मसूरी नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष पद सामान्य होने पर कांग्रेस, भाजपा उम्मीदवारों समेत प्रत्याशियों की कुल सख्या मात्र 7 के आसपास रहने की है । मगर उनमें भी संभावित दो पूर्व दिग्गज पालिका अध्यक्षों के चुनाव मैदान में उतरने पर टक्कर केवल तीन प्रत्याशियों के बीच ही सिमटने के आसार नज़र आ रहे हैं, काॅग्रेस, भाजपा और एक निर्दलीय । तीनों में भी कौन जीतेगा यह काॅग्रेस, भाजपा के उम्मीदवार घोषित हो जाने तथा नाम वापसी के बाद ही कुछ स्पष्ट होना शूरू होगा । अभी की बात करें तो यदि कांग्रेस – भाजपा में भीतरघात न हो तो टक्कर उन्हीं पार्टियों के कंडीडेट के मध्य दिखायी दे रही है। कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि मसूरी पालिका अध्यक्ष की सीट ओबीसी या महिला आरक्षित हो सकती है । मगर यह संभावना ना के बराबर दिखायी दे रही है । क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा को इस बार हर कीमत पर मसूरी फतेह करने के लिए चुनाव मैदान में उतरना है । ऐसे में भाजपा को सीट सामान्य रखने में ही ज्यादा मुनाफा नजर आएगा । और 10 प्रतिशत यह मानकर चलो कि मसूरी पालिका अध्यक्ष सीट महिला आरक्षित होती है तो अध्यक्ष पद हेतु चुनाव में कमसे कम एक दर्जन महिला उम्मीदवार मसूरी की जनता को देखने का मिल सकते हैं । ऐसा होने पर भाजपा की चुनौतियां बढ़ जाएंगी । जिसका खतरा भाजपा नेतृत्व शायद ही उठाए ।